होली के हुडदंग के बीच की अनदेखी करना सही नहीं है।खासकर, कोरोना से ठीक हो चुके लोगो के लिए खुद को फिलहाल किसी भी एलर्जी से बचना ही बेहतर होगा। रंगो मै कई मे कई ऐसे तत्वों की मौदूजगी हो सकती है, जो फफड़ो से लेकर आंख, कान को नुकसान पहुंचाते हैं। आइए जानिए होली की सावधानियों के बारे मै,
होली की खुशियां बढ़ जाती हैं, जब उसमे सेहत भी शामिल होती हैं। होली मे बाजार मे मिलने वाले घटिया रंगो मै कई हानिकारक रसायन होते है। यही कारण है की रंगो का इस्तेमाल करते समय कई तरह की चिंताएं दिमाग मै चलती रहती हैं। कही आंखो मै दिक्कत हो गई तो? बालों का क्या होगा ? स्किन को नुकसान तो नही होगा ? मुंह या पेट मै चले जाने पर रंगो मै मौजूद लेड और लेड ऑक्साइड किडनी को भी नुकसान पहुंचा सकते है।
कॉपर सल्फेट है हानिकारक
मरकरी सल्फाइट से लाल और लेड ऑक्साइड से काला रंग बनया जाता हैं। कॉपर वह मरकरी सल्फेट स्किन पर खराब असर डालते हैं। इसकी वजह से स्किन रूखी हो जाती हैं।जलन और स्किन कैंसर का खतरा बढ़ता है। इसके अलावा , इन्हे बनाने मै तेजाब, माइका, ग्लास पाउडर, लेड और अन्य खुशबू पदार्थ मिलाए जाते है ।
केरोसिन न लगाएं
रंग छुड़ाने के लिए स्किन पर केरोसिन, पेट्रोल या स्पिर्ट लगाने का सुझाव मिले तो उन्हे बिल्कुल न आजमाए। वजह स्किन रूखी हो जाएंगी। इसकी जगह नीबू के रस की कुछ बूंदे शरीर के रंग वाले हिस्से मे डाले। रंग हल्के पड़ जाएंगे।
होली खेलने से पहले
नाखूनों मे नेल पेंट लगाकर होली खेलने से नाखूनों पर रंग नही चढ़ता । रंग खेलने से पहले जैतून या नारियल तेल चेहरे, हाथो और बालों पर जरूर लगा ले।
होली खेलने के बाद
बेसन और दही का पेस्ट बनाकर चेहरे पर स्किन पर लगाए। थोड़ी देर बाद पानी से धो ले। बालो को नमी देने के लिए मैथी पाउडर मै दही मिला लें। स्किन और बालों को ठंडे पानी से धोएं ।
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